Wednesday, April 15, 2020

इंसानियत

बनकर धर्मनिरपेक्ष करिए नौकरी इंसानियत की
रखकर दूर फितूर फिरकापरस्त हैवानियत की
रोटी का फर्ज है मेहनतकश का उसूल
हिंदू-मुसलमान का फितूर है फिजूल
स्वर्ग बन जाएगी यह धरती साक्षात
मिट जाएगी जिस दिन हिंदू-मुस्लिम की खुराफात
फिरकापरस्ती की नफरत के विषवमन की उत्पात
बैठ जाए अगर दिलों में सामासिक संस्कृति की सद्भावना
पर नहीं मार पाएगी मुल्क में विनाशक नफरत की दुर्भावना
देता हूं सदा तह-ए-दिल से यह शुभाशीष
झुकने न देना गंगा-जमनी संस्कृति का शीष
(16.04.2020)

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