दिनकर की पुण्यतिथि (कल) की एक पोस्ट पर किसी ने कमेंट किया कि नेहरू दिनकर को राज्य सभा में लाए लेकिन दिनकर फिर भी नेहरू की आलोचना करते थे। उस पर आलोचना के सम्मान के नेहरू के साहस पर यह कमेंट लिखा गया। नेहरू और निराला के बारे में इलाहाबाद में कई किंवदंतियां प्रचलित हैं। एक है कि अंतिम सालों में निराला विक्षिप्त रहते थे और देशी शराब पीते थे, नेहरू की मीटिंग की खबर सुनकर पहुंच गए लेकिन पुलिस वाले उनके साथ हाथापाई कर रहे थे, नेहरू की निगाह पड़ी और वे मंच से उतरकर निराला के पास पहुंच गए। तीनमूर्ति लाइब्रेरी मेंं नेहरू के प्राइवेट पेपर्स में निराला की सहायता के लिए प्रयाग साहित्यसम्मेलन के अध्यक्ष को हाथ से लिखी नेहरू की चिट्ठी है।
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