जन्म की अस्मिता के जीववैज्ञानिक परिघटना के परिणाम की कहावत एक ऐतिहासिक तथ्य है। चाचाओं का मां को लेकर मजाक मर्दवादी (पित्रृसत्तात्मक) समाज के संस्कारों की उपपत्ति है जो विचारधारा के रूप में मर्दवाद के अंत के साथ समाप्त होगी। किसी का किसी खास जगह (देश, क्षेत्र, जाति, कुल या धर्म में) पैदा होने में किसी का कोई हाथ नहीं है, बल्कि एक जीववैज्ञानिक संयोग है। इसी लिए कुल, जाति, धर्म आदि के आधार पर समरूप, सामुदायिक प्रवृत्ति का अन्वेषण अवैज्ञानिक है तथा मिथ्या चेतना का परिणाम। सादर।
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