मौजूदा जैसे आर्थिक संकट की स्थिति में में क्रांति और तानाशाही दोनों की संभावनाएं होती हैं। क्रांतिकारी ताकतें दुनिया में कहीं दिख नहीं रही हैं, इसलिए तानाशाही के बुरे दौर के लिए तैयार रहना होगा, हो सकता है यह दौर अल्पकालीन हो तथा निकट भविष्य में नई क्रांतिकारी ताकतों का उभार हो।
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