इस ग्रुप में गौरवशाली भारतीय संस्कृति के वाहक कुछ संस्कारी (सवर्ण पुरुष) लोग मेरी उम्र पर तंज करते रहते हैं। प्रकृति (द्वंद्वात्मक भौतिकवाद) का एक नियम है कि परिवर्तन एक निरंतर प्रक्रिया है, क्रमिक मात्रात्मक परिवर्तन परिपक्व होकरं क्रांतिकारी, गुणात्मक परिवर्तन में तब्दील होता है। दूसरा संबंद्ध नियम है जिसका भी अस्तित्व है, उसका अंत निश्चित है। जो भी पैदा हुआ है वह जवान होगा; बुड्ढा होगा और मरेगा। उम्र छिपाने की कोशिस नहीं करता, सफेद दाढ़ी की प्रोफाइल पिक लगाया हूं दिवि से रिटायर हो गया हूं यानि सरकारी कागजात के अनुसार, पैंसठिया चुका हूं तथा जन्मकुंडली के अनुसार, 26 जून 1955 को पैदा हुआ था और जून 2020 में पैंसठिया जाऊंगा। दिल के दो दौरों के बावजूद, इस उम्र में भी दिमाग ठीक-ठाक काम करता है (ऐसा मुझे लगता है) तो जो भी समीक्षा करना हो मेरी बातों की करें, उम्र की नहीं।
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