एक ग्रुप में ट्रंप के महिमामंडन के साथ कोरोना प्रकोप को विश्व अर्थव्यवस्था पर वर्चस्व की चीनी साजिश बताते हुए घूम रहे एक व्हाट्सअप मेसेज पर:
पहली बात कि चीन एक पूंजीवादी देश है। चीन ने इस महामारी के आगाज के बाद वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके शमन की तैयारी के साथ दुनिया को वैज्ञानिक एहतियात की चेतावनी दी थी। चीन ने जान-माल के कुछ नुक्सान के साथ अब तक महामारी पर नियंत्रण पा लिया, बेजिंग समेत तमाम इलाकों को इसके कहर से बचा लिया। क्यूबा, बेनेजुएला, वियतनाम ने चेतावनी को समझा और बचाव के वैज्ञानिक उपाय अपनाए और कहर से बच गए। कॉरपोरेटी अहंकार में अमेरिका, ब्राजील और यूरोप के कई देशों ने इस चेतावनी को चीनी चाल समझ नजरअंदाज किया और चपेट में आ गए। क्यूबा पर आर्थिक नाकेबाजी में अमेरिकी नेतृत्व में इटली, इंगलैंड भी शामिल थे। लैटिन अमेरिकी देशों के अलावा क्यूबा के डॉक्टर इटली में महामारी से निपटने में लगे हैं। कैरीबियन सागर में संक्रमण ग्रस्त इंगलैंड के क्रूज को जब कोई देश अपने तट पर लगने की अनुमति नहीं दे रहा था तो क्यूबा ने उसे अपने तट पर अनुमति दी तथा मरीजों का इलाज करके क्रूज को वापस भेजने का इंतजाम किया। इस तरह के व्वाट्सअप खबरे सीआईप्रायोजित किस्म की अफवाहें लगती हैं। भक्तिभाव प्रधान इस देश में लगता है, ट्रंप भक्तों की भी कमी नहीं है।
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