किसी ने सवाल पूछा क्या अफगानिस्तान में गुरुद्वारे पर हमला शाहीन बाग के सीएए विरोध से जुड़ा नहीं है? उस पर:
बिल्कुल नहीं, दोनों में (अफगानिस्तान में गुरुद्वारा में हमले और शाहीवन बाग) कोई संबंध नहीं है। ये सिख अतीत में जाकर 2014 में तो यहां न आ जाते! सीएए फासीवादी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का औजार भर है। इजरायल के जरिए अमेरिका द्वारा प्रायोजित आएसएस के नरपिशाचों का अमानवीय तांडव कब से जारी है, संयोग से इस बार पीड़ित सिख हैं। सीएए का विरोध हिंदू और सिख भी कर रहे हैं, भाजपा के सहयोगी अकाली दल तक ने अपना विरोध दर्ज किया है। दोनों को जोड़ना सांप्रदायिक साजिश है। शाहीन बाग एक मुहल्ले की महिलाओं की पहल थी। सांप्रदायिक मानसिकता दुनिया में कुछ भी बुरा हो उसे शाहीन बाग से जोड़ देगी।
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