Tuesday, March 31, 2020

लल्ला पुराण 286 (वामी)

Arvind Kumar Mishra मैं संघी प्रवृत्ति की बात करता हूं, वामी कहे जाने को आरोप की करह नहीं कांप्लीमेंट की तरह लेता हूं, बस बिना संदर्भ वामी वामी करने वालों से पूछ देता हूं कि वामी होता क्या है? वे शब्द का मतलब समझकर प्रयोग कर रहे हैं या बिना समझे गाली की तरह।मैंने 2-3 बार वामपंथ क्या होता है? पर पोस्ट डाला वामपंथ और मार्क्सवाद पर कई लेख शेयर किया कि लोग अनजाने में वामी वामी न करें, जानबूझ कर करें। लेकिन पढ़ लेंगे या विमर्श से सीख लेंगे तो मुझ पर आक्षेप का मसाला खतम हो जाएगा। एक शिक्षक के नाते धैर्य से सबका जवाब देता हूं, मानवीय सीमाओं के चलते धैर्य खत्म हो जाने पर प्रतिक्रिया में अपनी भाषा भ्रष्ट हो जाने से बचाने के लिए ब्लॉक कर देता हूं। भाषा का श्रोत पूछने पर नाराज होने वालों को अपनी भाषा खुद आपत्तिजनक लगती होगी, वरना नाराज क्यों होंगे। मैं किसी पर निजी आक्षेप नहीं करता यदि गलती से हो जाए या लगे तो इंगित करने पर माफी मांग लूंगा। मुझे जानने वाले लोग जानते हैं, पूरी कीमत चुकाते हुए ईमानदारी के सनक के साथ जीवन जिया हूं उस पर फैसलाकुन वक्तव्य से उंगली उठाने वाले के साथ क्या संवाद हो सकता है?

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