इवि में बीएससी में था तो मेरी पेन खो गयी थी, ईश्वर की बहुत मिनन्तें की लेकिन नहीं मिली, फिर लगाकि जब एक पेन खोजने जैसा छोटा काम ईश्वर नहीं कर सकता तो और क्या करेगा? हा हा। यह देश वैसे ही चल रहा है जैसे बाकी देश। अब अगर ईश्वर है तो कोरोना का विनाशकर दे! अगर ईश्वर ही देश चला रहा है तो न्यायपूर्ण ढंग से क्यों नहीं चलाता? ईश्वर की राय से बुश ने इराक़ पर हमला किया और ईश्वर के आदेश से सद्दाम हमले के विरुद्ध बिना लड़े जान दे दी? ईश्वर अलग अलग देश अलग अलग ढंग से क्यों चलाता है? जो आत्मबल प्राप्त कर लेता है, उसे ईश्वर की बैशाखी की जरूरत नहीं होती, ईश्वर ने मनुष्य को नहीं बनाया बल्कि मनुष्य ने अपनी ऐतिहासिक जरूरतों के हिसाब से ईश्वर की अवधारणा का निर्माण किया। इसीलिए देश-काल के अनुसार उसका स्वरूप और चरित्र बदलता रहा है। पहले ईश्वर गरीब और असहाय की मदद करता था अब सबल की -- जो अपनी मदद कर सकता है, Survival of fittest.
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