मैंने लिखा कि आत्मालोचनाी मार्क्सवाद की एक प्रमुख अवधारणा है, किसी ने कमेंट किया कि मार्क्स खुद पूंजी बाजार के सटोरिया थे, दूसरों को आत्मालोचना क्या सिखाएंगे? उस पर --
आपकी गलती नहीं है, बिना पढ़े फैसलाकुन राय देने से यही होता है। आत्मालोचना मार्क्सवादी विज्ञान की एक प्रमुख अवधारणआ है। 3-4 दिन पहले मार्क्सवाद पर एक लंबा लेख पोस्ट किया था, पढ़ लें। बिना पढ़े किसी विषय पर बोलनेसे मूर्खता झलकती है। मानवता को समझने के लिए जात-पांत से ऊपर उठकर विवेकशील इंसान बनना पड़ता है वरना अमानवीयता को ही मानवता समझते रहेंगें और मानवता के अपराधी बने रहेंगे। आप बेहतर इंसान बन जाएंगेतो मुझे अच्छा लगेगा, इसके अलावा मेरा कोई स्वार्थ नहीं है। क्षमा कीजिएगा लेकिन इतनी अवैज्ञानिक समझ के लिए लगता है विज्ञान या कॉमर्स के विद्यार्थी रहे होंगे। मैं गलत भी हो सकता हूं।
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