Sunday, March 29, 2020

लल्ला पुराण 284 (वामपंथ)

एक बार फिर मैं यही बात दोहराता हूं, इस ग्रुप में मुझे लगता नहीं कि बहुत से या कोई वामपंथी हैं, मैं अकेला हूं जिसे आप परिघटनाओं के वैज्ञानिक विवेचना में विश्वास करने के चलते मोटे तौर पर वामपंथी कह सकते हैं। वैसे तो किसी कम्युनिस्ट पार्टी में नहीं हूं और पेंसनयाफ्ता रिटायर्ड प्रोफेसर की हैसियत से आर्थिक रूप मध्य वर्ग ही हूं। राजनैतिक ताकत के रूप में वामपंथ भारत में ही नहीं दुनिया में हाशिए से भी नीचे है, जिसका फिलहाल कोई खतरा नहीं है। लेकिन इस ग्रुप में कई लोग हर बात पर वामपंथ वामपंथ करने लगते हैं जैसे कि इस ग्रुप और देश को सबसे अधिक खतरा वामपंथ से हो! पूछो वामपंथ क्या होता है? आंय-बांय बकते हैं -- वही जो अपनी बात पर नहीं रहता, खाकर थाली में छेद करता है, खाता है उनका गाता बजाता है किसी का,....। यह नहीं बताते कौन वह वाम पंथी है और किस थाली में छेद करता है.....। वामपंथ की ऐसी-तैसी कीजिए लेकिन तथ्य-तर्कों के साथ संदर्भ में। जैसे ब्राह्मणों में अनेक कोटियों हैं वैसे वामपंथ में भी सब holier than thou belief के साथ। मेरी पत्नी कहा करती थीं कि हमलोग उनसे छोटे ब्राह्मण हैं। मैं उनसे कहता था मैं तो अब ब्राह्मण ही नहीं, छोटा-बड़ा क्या?

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