Monday, March 5, 2018

लेनिन की मूर्ति

तोड़ कर लेनिन की मूर्ति
क्या देश की तकदीर बदल दोगे?
फैलाकर नफरती उंमाद
क्या भगत सिंह की लेनिन पर तकरीर बदल दोगे?
पल कर धनपशुओं के टुकड़ो पर
क्या अपनी हत्यारी सूरत बदल दोगे?
लुटाकर धनपशुओं से देश
क्या देश को तबाही से बचा लोगे?
छीनकर गरीब के मुंह की रोटी
क्या इंकिलाब की राह बदल दोगे?
सुनो धनपशुओं के जरखरीद गुलाम!
करके मानवता को कलंकित
क्या अपना हिटलरी अंजाम बदल दोगे?
करके शिक्षा को बर्बाद
क्या दिमाग की उड़ान रोक दोगे?
जलाकर मेहनतकशों के मुकाम
क्या तुम खुदा बन जाओगे?
सुनो हिलर की नाजायज औलादों!
मचाकर धर्मोंमादी उत्पात
क्या वक्त की चाल बदल दोगे?
पकड़ कर सत्ता की लगाम
क्या अपनी फासीवादी तस्वीर बदल दोगे?
लगाकरअफवाहों की की गर्मबाजार
क्या क्रांति का इतिहास बदल दोगे?
कॉ. लेलिन को लाल सलाम
इंकिलाब जिंदाबाद फासीवाद हो बरबाद
(ईमि:06.03.2018)

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