Sunday, March 11, 2018

न हिंदू धर्म खतरे में न ही इस्लाम खतरे में

न हिंदू धर्म खतरे में न ही इस्लाम खतरे में
दोनों की मिली-भगत से है इंसान खतरे में
मेरा भी घर है खतरे में तेरा भी घर है खतरे में
मजहबी सियासत से इंसानी कायनात खतरे में
एक ही थाली में खाते हैं कीमा और कबाब
साझी साजिश रचते हैं ओवैसी -अमित शाह
एक बागी भगवा ट्रोल ने बताया सबूत के साथ
जुड़वे भाई हैं नफरत के दोनों ही बादशाह
परोस भाषण में अफीम मजहबी नफरत की
करते हैं चाकरी धनपशुओं फितरत की
(यूं ही कलम की प्रातकालीन आवारगी)
(ईमि:12.03.2018)



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