मैं पहले ही कह चुका हूं , सिर्फ पुलिसिए
ही नहीं जज भी पट्टाधारी होते हैं, क्लीन चिट देकर गवर्नर बन जाते है, भ्रष्ट
देशद्रोही। एक दीपक मिश्र है जमीर होती तो कब का रिजाइन कर चुका होता, 4 जजों ने कहा यह
बेईमान है, अहम अपराधियों के मामले एक और बहुत जूनियर मिश्र को दे देता है
जिसके पास क्लीनचिट का स्टैंप है लगा देता है। आप भी जानते हैं गोधरा मोदी ने
करवाया है, लेकिन कानूनी तकनीकियों का सहारा लेकर दिल री बात जुबान पर नहीं
लाते। आर भी जानते हैं कि पुलिस चाहे तो कोई भी दंगा आधे घंटे में रोक सकती है, लेकिन दंगाइयों
से मिलकर 3 साल चलाती है, संवैधानिक उत्तरदायित्व की ऐसी-तैसी कर नेताओं का कारिंदा बन
अपराध करती कराती है, ईमानदारी से बताइए, मेरे करीब 3-4 दर्जन आईपीयस
मित्र हैं, मेरी राय उनसे संवाद और पट्टाधारी पुलिसियों की
करतूतों के अध्ययन पर आधारित है। हमलोगों का इलाहाबाद और जेयनयू का एक जूनियर
आईपीयस (यूपी) शूर्यकांत शुक्ला तो इतना गलीच पट्टाधारी हो गया कि रिटारी की कगार
पर मंदिर बनाने वाला कारसेवक हो गया, रिटायरी के बाद बड़ा टुकड़ा पाने की
उसके लिए शुभकामना करता हूं। पुलिस यूपी का सबसे बड़ा बजरंगी गुंडा गिरोह बन गयी
है। ईमानदारी से बताइए।
जो कानून है, मानूंगा, मैंने तो अपनी
बात कही। शिक्षक होने के नाते शिक्षा का हाल पर दुखी होता हूं। अपने गांव जाता हूं
तो दुखी होजाता हूं। तेज तेज लड़के लड़कियां, लेकिन कुंजी किस्म की टेक्स्टबुक और
दैनिक जागरण तथा चौराहे पर गांव की गुटबाजी कीअड्डेबाजी ही इन बच्चों को
ज्ञानार्जन के उपलब्ध संसाधन हैं। सकूल-कॉलेजों में लाइब्रेरी प्रणाली इतिहास बन
चुकी है। रिटायर होकर पीयफ वगैरह से गांव में एक लाइब्रेरी और फ्री डेबोर्डिंग
स्कूल शुरू करने की योजना है।
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