Friday, March 30, 2018

ईश्वर विमर्श 52 (राम)

राम एक महाकाव्य का मर्दवादी, वर्णाश्रमी नायक है, जो पत्नी की अग्निपरीक्षा लेता है तथा गर्भवती कर किसी बहाने घर से निकाल देता है। वह एक ऐसी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है जहां औरते वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में पुस्कार में मिलती हैं और स्त्री के प्रणयनिवेदन पर उसके नाक-कान कटवा लेता है। छल से बालि को मारता है जिसने उसका कुछ नहीं बिगाड़ा और जो एक शूद्र के ज्ञानार्जन की जुर्रत पर उसकी हत्या कर देता है। आश्चर्य नहीं कि राम भक्त हत्या-बलात्कार के आयोजन से समाज में नफरत फैलाकर सियासती मेवा खाने वाले के भी भक्त हैं।

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