एक मित्र ने एक पोस्ट में एक श्रीवास्तव का जिक्र किया जो घनघोर भक्त थे उनका मोहभंग हुआ, "......... ने जीना हराम कर दिया, उस पर मेरा कमेंट:
ये श्रीवास्तव जी तब भी जानते थे कि मोदी ने गोधरा प्रायोजित कर कत्ल, बलात्कार, आगजनी और स्थाई विस्थापन करवाया। वे यह भी जानते थे कि मोदी ने मुजफ्फरनगर रचा। वे यह भी जानते थे कि 2014 के चुनाव के लिए मुजफ्फरनगर रचा और कातिलों के सरगनाओं को मंत्री पद से नवाजा। वे यह भी जानते थे कि इस नरसंहारी अपराधी ने मुल्क को नफरत की आग में झोंककर गुजरात की जमीनें और संपदा औने-पौने दामों में अपने आका धनपशुओं -- टाटा, अंबानी, अडानियों के सौंपा जैसे आज भाजपा यमपी विजय माल्या, अपने अजीजों नीरव मोदी, चोकसी, ललित मोदियों को जनता का लाखों करोड़ धन चुराकर विदेश भगाया, फिर मोदी भक्त थे तो वे उतने ही जाहिल और फिरकापरस्त थे जितने दो कौड़ी के बजरंगी लंपट। अब अपना जीना हराम हुआ, बटुक प्रदेश पर तगड़े लात पड़े तो अक्ल आई। उम्मीद कीजिए और भी बजरंगी लंपट लात खाकर विवेकशील बनें। मुझे इस श्रीवास्तव नाम के बजरंगी (भूतपूर्व) से कोई हमदर्दी नहीं है।
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