जब एथेंस की न्यायिक सभा में सुकरात पर मुकदमा चल रहा था, बाहर उंमादी भीड़ 'सुकरात को मौत दो' के नारे लगा रही थी, क्योंकि वह उन्हें अपने देवी-देवताओं के विरुद्ध मानती थी. यह हालत तभी बदलेगी जब यह भीड़ चिंतनशील जनबल में बदलेगी. ऐसा होने से रोकने के लिए ही तो सरकारें शिक्षा को ज्ञान से अलग रखने के नाना प्रयास करती हैं, तब भी न मानने वालों को देशद्रोही कह प्रताड़ित करती है. सब सरकारें कमोबेश यही करती हैं, झंडा किसी रंग का क्यों न हो.
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