अराजकतावादी नास्तिक धर्म समाप्त करना चाहता है बिना उसके कारणों को समाप्त किए, मार्क्सवादी नास्तिक उन कारणों को समाप्त करना चाहता है जिनके चलते इंसान को धर्म की जरूरत पड़ती है, धर्म अपने आप अनावश्यक हो जाएगा। धर्म लोगों को खुशी की खुशफहमी देता है, अगर वास्तविक खुशी मिले तो खुशफहमी की जरूरत ही नहीं रह जाएगी.
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