अभी तो यह शुरुआत है ब्राह्मणवादी जहालत की
आगे आगे देखिए कमाल तालिबानी महारत की
कब्र से खोदकर है औरतों के बलात्कार की तमन्ना इनकी
मनुवाद लक्ष्य इनके आपराधिक लंपटता की
इनका नेता है एक ऐसा परजीवी महंत
रक्त पिपासा की जिसके नहीं कोई अंत
भक्तों का तो होता दिमाग बंद और आत्मा बेजान
बेकथा सत्यनारायण की कथा का लगाते हैं अजान
जलाते किताबें ज्ञान-विज्ञान की पढ़ते फरेबी पुराण
पूर्वजों की धूर्तता का थकते नहीं करते हुए गुणगान
ज्ञान-विज्ञान से है पुरोहिती परंपरा को खतरा
लफड़े में पड़ जाएगी दक्षिणाखोरी की परंपरा
रहेगी जब तक समाज में अंधविश्वासों की आदत
होती रहेगी ब्राह्मणवादी फरेबियों की इबादत
(बाकी बाद में)
(ईमिः 24.03.2017)
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