जब छोटों पर बड़ों का राज हुआ
तब कहते हैं सभ्यता का आगाज हुआ
सभ्यता का एक स्थाई मानदंड बना
होने से अलग दिखना
और कहने से अलग करना
दोगलापन बनी सभ्यता की पहचान
मालिक और गुलाम में बंट गए इंसान
मालिकों ने गुलामों पर शिकंजा कशा
धर्म और कानून तिकड़मी फरेब रचा
रचा कानून-व्यवस्था के लिए नया विधान
शिक्षा से देने लगे इसका अनूठा ज्ञान
बताया इसे कुदरत का पाकीजा फरमान
और ईश्वर के समक्ष सभी हैं एक समान
हमारे वैदिक पूर्वज जब सभ्य हुए
परजीवी और कामगर तपकों में बंट गए
शासक बने परजीवी और शासित अन्नदाता
जिम्मेदार था इसका कोई सर्वशक्तिमान विधाता
किया उन्होने एक ब्रह्मा का अनुसंधान
रचा जिसने समाज में छोटे-बड़े का पवित्र विधान
पैदा किया उसने जिन्हे दिमाग और भुजाओं से
लैश किया उन्हें शास्त्र और शस्त्र की विधाओं से
जिम्मे किया उनके आर्थिक उत्पादन बड़ों की सेवा
अपने जंघों और पैरों से जिनको छोटा पैदा किया
शिक्षा से शुरू किया नया नया ज्ञान
असमानता को साबित किया दैविक विधान
समझने लगा है कामगर परजीवी की चाल
ब्रह्मा का शगूफा है परजीवी शोषकों की चाल
ले मशालें चल पड़ा है सदियों का सताया कामगर
ब्रह्मा की श्रृष्टिभंजन को निकल पड़ा है कामगर
(ईमि: 31.03.2017)
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