भक्त मानसिक विकलांग होता है उसके दिमाग में गोमाता का इतना पवित्र गोबर भरा होता है कि उसके अंदर कुछ और घुसता नहीं. कितनी बार प्रमाणित हो चुका है कि नारे संघी घुसपैठछियों ने लगाए थे, लेकिन भक्त तो बोधिसत्व के शब्दों में पंजीरी खाकर भजन गाता रहता है और सड़क ढाप मवालियों की तरह गुंडों-बलात्कारियों का समर्थन करता है. वैसे भी मुल्क में पढ़े-लिखे जाहिलों का प्रतिशत अपढ़ जाहिलों से अधिक है. वह बाभन से इंसान नहीं बन पाता.
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