हिंदुत्व तालिबान ने दम-खम से ललकारा है
भारत को ब्राह्मणवादी शीर्ष पर दुबारा पहुंचाना है
शूद्रों और औरतों को दुबारा फिर वहीं पहुंचाना है
शास्त्रसम्मत मनुस्मृति का जो दैविक पैमाना है
आया हिंदुस्तान में जब सेकुलरों का राज
अंबेडकरी संविधान में बंध गया पवित्र समाज
टूटने लगे मनु महराज के सारे पवित्र नियम
वेद पढ़ने लगे शूद्र और औरत जैसे प्राणी अधम
तोड़ कर सारी पवित्र परंपराए न सिर्फ वे वेद पढ़ने लगे
पवित्र पूर्वजों की दैविक कृति पर नुक्ताचीनी करने लगे
तोड़ कर ब्रह्मा के सारे नियम वे नई ऋचाएं रचने लगे
इतना ही नहीं वे चौराहों पर मनुस्मृति का दहन करने लगे
हल चलाना छोड़कर शूद्र ज्ञान हासिल करने लगे
तुर्रा यह कि वेद-पुराण का खुला अपमान करने लगे
शूद्रों के ही पदचिन्हों पर औरत भी चलने लगी
मर्यादा की दीवार ढहाकर घर से बाहर निकलने लगी
इतना ही नहीं धोकर लाज-शर्म खुले-आम प्यार करने लगी
इतना ही नहीं पढ़ने और प्यार करने के हक़ मांगने लगी
खाकर शिक्षा का वर्जित फल आजादी-आजादी चिल्लाने लगी
हद पारकर मर्दवाद से ही मां-बाप से भी आज़ादी मांगने लगी
किया है मनुमहराज ने पहले से ही नारी की आजादी से आगाह
हुई औरत जो आज़ाद हो जाएगी ब्रह्मा की श्रृष्टि तबाह
इसीलिए दिया हिंदुत्व तालिबानों ने नारा
पाकिस्तान सा ही बनेगा अब हिंदुस्तान सारा
चलते हैं वहां इस्लामी शरियत के हजार साल पुराने नियम
यहां चलेंगे अब मनुस्मृति के उससे भी पुराने नियम-धरम
भारत फिर पहुंचेगा सभ्यता के सतयुगी शीर्ष पर
बेच सकता जहां कोई भी बीबी-बच्चे हो बेफिकर
बौखलाता नहीं शायर इतिहास की इस विलोम गति पर
चिंतित होता है बस मुल्क के भविष्य की दुर्गति पर
(ईमि: 25.03.2017)
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