जयभीम-लाल सलाम। विचार या कर्म की बजाय जन्म के आधार पर व्यक्तित्व का मूल्यांकन ब्राह्मणवाद का मूलमंत्र हैं। जो भी ऐसा करता है वह ब्राह्मणवाद की ही सेवा करता है और जन्मना कुछ भी हो ब्राह्मणवादी है। बहुत से नकली भीमवादी हैं जिन्हें ब्राह्मणवाद और साम्राज्यवाद से बढ़कर बड़ा दुश्मन वामवाद लगता है और सारी ऊर्जा मार्क्स-माओ को गाली देने मे लगा देते हैं, बाकी कम्युनिस्ट पार्टियों में ब्राह्मणवाद खोजने में. ये परोक्षतः ब्राह्मणवाद(संघवाद)-कॉरपोरेट की लूट के प्रसार में मदद करते हैं. अरे भाई कोई पार्टी किसी की बपौती नहीं है, आप बढ़ें और नेतृत्व लें. अब मैं तो बिना अपनी मर्जी के ब्राह्मण परिवार में पैदा हो गया तो ब्रह्मा की बेहूदगी से मैं आजीवन वैज्ञानिक सोच और क्रातिकारता के लिए आजीवन अपात्र हो गया? ये कॉरपोरेटवादी सामाजिक न्याय के पुरोधा आमजन के विरुद्ध ब्राह्मणवाद और कॉरपोरेट के गठजोड़ के सहयोगी की भूमिका निभाते हैं.
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