Sunday, January 8, 2017

मार्क्सवाद 36 (युग चेतना)

Sanjay Garg बिल्कुल सहमत हूं कि मोदी जी मूर्ख नहीं एक तेज, शातिर नेता हैं लेकिन जनता पर आपकी नाराजगी वाजिब नहीं है। मार्क्स ने लिखा है कि विकास के हर चरण की समानुपातिक समाजिक चेतना का स्तर होता है। यह भी लिखा है कि शासक वर्ग के विचार ही शासक विचार भी होते हैं। पूंदीवाद सिर्फ माल नहीं बनाता, विचारों का भी उत्पादन करता है, शिक्षा जैसे उपकरणों से। उच्चशिक्षा के नए पाठ्यक्रम में पूरा ध्यान रखा गया है कि छात्र ऐसा कुछ न पढ़ सकें जो उनकी चिंतनशील प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करे, लेकिन दिमाग का अपना गतिविज्ञान है, जो पाठ्यक्रम की परिधि पार कर जाता है। हम परिवर्तनकामी बुद्धिजीवियों का उत्तरदायित्व है कि सामाजिक चेतना को मिथ्या युगचेतना से मुक्त कर इसके जनवादीकरण की दिशा में यथासामर्थ्य योगदान करते रहें. लोग अभी झूठ को सच मान रहे हैं, लेकिन कब तक?

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