धनार्जन जीवन का साधन है साध्य नहीं, ज्यातर लोग साधन को साध्य मान जीवन उसी में खपा देते हैं। जब किसी बुजुर्ग को इस जीवन के लिए बेजरूरत, किसी भी तरह से धनार्जन में लिप्त देखता हूं तो उनके आनंदविहीन जीवन पर बहुत तरस आता है।
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