सवाल-दर-सवाल है किसी भी ज्ञान की कुंजी
जवाब-दर-सवाल है हरेक ज्ञान की पूंजी
करो सवाल सबसे अौर सब पर
नहीं है कोई भी सवालों से ऊपर
सवाल का पहला सबब है खुद का अदब
खुद पर करो सवाल हो बिल्कुल बेअदब
नास्तिकता का खतरा है मगर सवालों की अनंत कड़ी में
खो गया ईश्वर सवाल-दर-सवाल की ऐसी ही किसी घड़ी में
करना होता है सबको खुद-ब-खुद ये चुनाव
बनना है दानिशमंद या करना परंपरा का बचाव
पूछोगे नहीं गर खुदा-ना-खुदाओं से कोई सवाल
करना न पडेगा उनको मिथ्याचार का बवाल
बनना है अगर देश-काल का दानिशमंद
करो न कभी सवालों का सिलसिला बंद
(ईमिः25.01.2015)
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