ऋतुओं का सार है का वसंत
प्यार का मौसम है वसंत
चूर करता है ठंड की ठुठुरन की हस्ती
लाता है धरती पर सरसों के फूलों की मस्ती
लहलहाती फसलें सूरज की किरणों से
पुलकित अासमान होता खुशियों के झरनों से
वसंत में ही तो अाता होली का त्योहार
करता जो प्यार मुहब्बत का इज़हार
करते हैं तो करते रहे लोग इस ऋतु को बदनाम
लेंगे ही हम प्यार की ऋतु में प्रियतम का नाम
देखे हैं अब तक कितने ही वसंत
यादों की जिनके न अादि है न अंत.
(ईमिः30.01.2015)
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