Friday, January 30, 2015

सरसों के फूलों की मस्ती

ऋतुओं का सार है का वसंत
प्यार का मौसम है वसंत
चूर करता है ठंड की ठुठुरन की हस्ती
लाता है धरती पर सरसों के  फूलों  की मस्ती
लहलहाती फसलें सूरज की किरणों से
पुलकित अासमान होता खुशियों के झरनों से
वसंत में ही तो अाता होली का त्योहार
करता जो प्यार मुहब्बत का इज़हार
 करते हैं तो करते रहे लोग इस ऋतु को बदनाम
लेंगे ही हम प्यार की ऋतु में प्रियतम का नाम
देखे हैं अब तक कितने ही वसंत 
यादों की जिनके न अादि है न अंत. 
(ईमिः30.01.2015)

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