Thursday, January 8, 2015

लल्ला पुराण 181 (शिक्षा अौर ज्ञान 47)

Ramadheen Singh अग्रज, प्रणाम. अब लगता है कि अाप वर्तमान अौर भविष्य के बारे मे विचारशून्य हो गये हैं अौर अतीत के रट्टू तोते, परजीवी, ब्राह्मणों की श्रेष्ठता की होड़ की गल्प कथाओॆ में जनता को उलझाकर रखना चाहते है. नये जमीन अधिग्रहण के अध्यादेश से लाखों किसानोॆ के सिर पर लटक रही विस्थापन की तलवार पर भी कभी मुखारविंद को थोडा कष्ट दें. अध्यादेशों की हड़बडी पर भी कभी कुछ कहें. लगता है कि अमित शाह की भाजपा के बेरोजगार बौद्धिक प्रकोष्ठ(जिसकी प्रदेश इकाई के अाप संयोजक हैं) को लोगों को पूर्व-उत्तर मीमांसाओं में उलझाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. लोग मंडन मिश्र अौर शंकर के शास्त्रार्थ में उलझे रहें अौर सरकार बेहिचक देश की नीलामी करती रहे. कभी तो देश अौर जनता के बारे में सोच लिया करें. सादर.

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