Shashank Shekhar ईश्वर का 1 टूटा चश्मा है जिसके पार कुछ नहीं दिखता, ईश्वरविहीन व्यकति की उड़ान असीमित होती है, ईश्वरवान व्यक्ति की उड़ान कल्पित ईश्वर की कल्पना से बौनी हो जाती है, जिसकी कल्पना किसी अाशय पर टिकी होती है उनकी कल्पना अनंत की स्वतंत्र ऊंचाई तय करने में असमर्थ होती है, जिनको अपनी कल्पनाशक्ति में अास्था नहीं होती वे कल्पना के लिये वाह्य, कल्पित स्रोतों की तलाश करते हैं. जो ईश्वर को नहीं मानता वह किसी मानव के चरणों में गिरने से रहा. कमजोर को ईश्वर का सहारा चाहिये, सक्षम को नहीं. ईश्वर से वह शक्ति मांगता फिरता है जिसो अपनी शक्ति पर भरोसा नहीं होता. अात्मबल मजबूत करो ईश्वर के शिकंजे से मुक्ति मिल जायोगी. ईश्वर असहाय की बैशाखी है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment