Monday, January 19, 2015

ईश्वर विमर्श 23

Shashank Shekhar सहमत हूं, न ईश्वर का दंगों से कोई ताल्लुक है न सांप्रदायिकता का धर्म से. न जिन्ना धार्मिक था न सावरकर. सांप्रदायिकता ईश्वर के नाम पर, धार्मिकता अौर धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाकर धर्मोंमादी राजनैतिक लामबंदी की विचारधारा है. यह तो बस 1 व्यंग्य है. Jyoti Mishra Raka ईश्वर कौन होता है अधिकार देने वाला, मैंने तो मांगा नहीं, अधिकार मांगा नहीं, लिया जाता है. Nripendra Singh मुसीबत में वही ईश्वर-ईश्वर करते हैं, जिनमें अात्मबल की कमी होती है. वैसे यह संयोग भी हो सकता है कि जितने भी जितने बड़े हरामखोर नेता, टैक्सचोर, घूसखोर, मुनाफाखोर,चोर... होते हैं वे उतने ही ईश्वरभक्त अौर पूजा-पाठ वाले होते हैं. मेरा किसी के धर्म से नहीं हर तरह के धर्मोंमाद अौर धर्मांधता से विरोध है. मेरी पत्नी का तो मानना है कि उनकी पूजा पाठ से ही मेरा जो भी भला होता है, होता है.

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