Monday, January 19, 2015

ईश्वर विमर्श 25

yoti Mishra Raka विमर्श में शब्दों के प्रयोग में लापरवाही, विमर्श को विकृत करती है. अराजकतावाद एक सम्मानजनक दर्शन है, सांप्रदायिकता की तरह कोई लंपट, प्रूदों, बकूनिन, क्रोपोत्कीन अौर महात्मा गांधी अराजकतावादी दार्शनिक हैं, अराजकतावाद सत्ता का निषेध करता है लेकिन अावश्यक रूप से हर अराजकतावादी नास्तिक नहीं होता न हर नास्तिक अराजक. जैसे गाँधी जी नहीं थे. मैं प्रामाणिक नास्तिक हूं लेकिन अराजकतावाद विरोधी. अराजकतावाद राज्य को समाप्त करना चाहता है, हम उन हालात को जो राज्य की शर्ते हैं, राज्य खुद-ब-खुद बिखर जायेगा.

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