Saturday, January 31, 2015

मोदी विमर्श 36

मोदी के नुक्कड़ सभाओं पर अाश्चर्य क्यों? आज तक अाज तक भगत सिंह को क्रांति के लिये शहादत की जगह कोई अासान रास्ता अपनाने की नसीहत किसी प्रधानमंत्री ने दिया क्या?अाज तक कोई हत्या-बलात्कार-लूट-अांतरिक विस्थापन के संचालन से लामबंदी करके प्रधानमंत्री हुअा है क्या?बुतपरस्तों-मुर्दापरस्तों-चमत्कार प्रेमियों के मुल्क में सब कुछ संभव है. जब एक ऐसा इंसान दुनिया के सबसे बड़े प्रतिनिधि-अाधारित तथाकथित जनतंत्र का मु ससे ज्खियादा हो या हो सकता है जो विश्वबैंक के अलावा कभी किसी का निर्वाचित प्रतिनिधि न रहा हो. मुझे इस मुल्क के ज्ञानियों की जहालत पर इससे ज्यादा अाशचर्य होता है. दिल्ली विवि के ज्यादातर शिक्षक (सर्वोच्च ज्ञानी) अच्छे दिन के समर्थक थे, चुनाव से पहले किसी से उनके नये अाराध्य का एक गुण बताने को कहिये तो अाम बजरंगियों की तरह 16 मई को बतायेंगे का जवाब देते थे. जिस मुल्क में शिक्षित जाहिलों का प्रतिशत अशिक्षिततों से ज्यादा हो वहां का प्रधानमंत्री नुक्कड़ सभाओं में लफ्फाजी करे तो आश्चर्य क्यों?

No comments:

Post a Comment