Pushpa Tiwari नमस्कार पुष्पा जी. तुलना समान गुड़ों की वस्तुओं में होती है. ईश्वर एक अदृष्य, अमूर्त, अप्रमाणित काल्पनिक अवधारणा है अौर ईश एक सत्यापित, प्रमाणित, ठोस यथार्थ. वैसे भी जिसे साधारणता(सरलता नहीं) अौर समता के सुख में अानंद अा ने लगे वह किसी तुलना की जरूरत नहीं होती. हा हा. 1 वाकया याद अा रहा है. बाद में.
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