Wednesday, June 25, 2014

गरीब की हंसी

नहीं है गरीब की हंसी
निशानी उसके चेहरे पर दौलत की
बयान-ए-यक़ीन है ये
नामाकूल में जीने की कुव्वत की
यह हंसी खोजती है
नामाकूल के माकूल में तब्दीली की राह
इस हंसी के हवाले से
अमीर करता जन जन को गुमराह
कहता फिरता है
नहीं गरीब को धनदौलत की चाह
गरीब की इस हंसी में
छिपी है एक और संगीन बात
समझने लगा है
वह अब अमीरों की फरेबी खुराफात
यह हंसी भविष्यवाणी है
छेड़ेगा वह फैसलाकुन जंग गरीबी के खिलाफ
श्रम की शर्त पर
कर देगा परजीवी अमीरों को मॉफ
(ईमिः26.06.2014)

1 comment: