कौन है यह कन्या मगन गहन चिंतन में
करती बेटोक विचरण ख़यालों के उपवन में?
बनाकर अकेलेपन को सुखद एकांत
सोच रही है लिखने को नया वृतांत
रचने को एक नये् युग की कहानी
होगा नायक आमजन नहीं राजा रानी
होगा अंत जिसमें मर्दवादी वर्चस्व का
और थैलीशाही शोषण के सर्वस्व का
आयेगा ही एक सुंदर नया जमाना
गायेगे मिल सभी आज़ादी का तराना
(ईमि:4.05.2005)
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