Siddharth Kalhans बिल्कुल सहमत. मुझसे 2007 में मद्रास यूनिवर्सिटी में ग्लोबलाइजेसन एंड गवर्नेंस पर एक सेमिनार में किसी ने 1991 में भूमंडलीकरण के बाद की विभिन्न गठबंधनों की सरकारों में फर्क के बारे में पूछा. मैनंे कहा, वही फर्क जो मोंटेक सिंह आलूवालिया, मोंटेक सिंह आलूवालिया, मोंटेक सिंह आलूवालिया और मोंटेक सिंह आलूवालिया में है, आप चाहें तो मोंटेक सिंह आलूवालिया की जगह विश्व-बैंक वालमार्ट के एक अन्य विश्स्त पी चिदंबरम् लिख सकते हैं. देख नहीं रहे हैं कितने कंग्रेसी भाजपा के टिकट पर लड़ रहे हैं तो कितने भाजपाई कांग्रेस के टिकट पर..
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