Wednesday, May 20, 2020

लल्ला पुराण 334 (निजी आक्षेप)

एक सज्जन की मुझे संबोधित पोस्ट और मेरा जवाब:

आदरणीय ईश सर को कोई भक्त या चमचा कहे तो वो प्रतिउत्तर में उसे ब्लॉक कर देते हैं।
ठीक है, ब्लॉक करना सबका फेसबुक प्रदत्त अधिकार है, लेकिन दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा खुद के साथ चाहते हैं।
अब आपके ही आचरण को आदर्श मान कर हर व्यक्ति भक्त या चमचा कहने पर आपको ब्लॉक करने लग गया तो आपको पढ़ने वाला लगभग कोई नहीं बचेगा।
सादर 🙏
· Provide translation to English
📷

मैं किसी को भक्त या चमचा नहीं कहता. प्रवृत्ति की बात करता हूं किसी की दाढ़ी में तिनका महसूस हो तो उसकी समस्या है। जो लोग अनायास, अशिष्ट भाषा में निराधार निजी आक्षेप करते हैं, उन्हें ऐसा न करने की दो चेतावनियों के बाद इसलिए ब्लॉक कर देता हूं कि कहीं गुस्से में उन्हीं की भाषा में जवाब देकर अपनी भाषा न भ्रष्ट कर लूं। अफशोस भी होता है कि इवि की नई पीढ़ी के कुछ लोगों में इतनी बदतमीजी कहां से आ जाती है? आज एक सज्जन को बदतमीजी बंद करने के बारंबार आग्रह के बाद ब्लॉक करना पड़ा। जिसे भी मेरी बातें अपमानजनक लगें वह कह सकता है। ऊपर जो आपने स्क्रीन शॉट पोस्ट किया है, उसमे इस सवाल के जवाब में कि चमचे चमचा कहने पर बुरा क्यों मान जाते हैं? मैंने कहा यह तो उन्हीं से पूछिए मेरे ऊपर आक्षेप लगाएं तो तथ्य-तर्कों से पुष्ट करें। वैसे तो शिक्षक को धैर्य नहीं खोना चाहिए और कोई कितनी भी बदतमीजी करे उसे तमीज सिखाने पर अड़े रहना चाहिए, लेकिन अब मेरे पास इतना समय नहीं है। मुझे इस ग्रुप का हर व्यक्ति ब्लॉक कर दे तब भी मुझे पढ़ने वाले मेरी वाल पर, कई ग्रुपों में तथा प्रिंट मीडिया के मेरे पाठकों में बहुत लोग हैं। आपको जब लगे ब्लॉक कर दीजिए, गलती बता कर करेंगे तो आभार मानूंगा जिससे गलती सुधारने की कोशिस कर सकूं। मैं किसी को भी अभद्र भाषा में निराधार आक्षेप करने पर दो बार ऐसा न करने के आग्रह के बाद ब्लॉक करता हूं। आपका आभारी हूं कि आपने प्रत्यक्ष संबोधित करके पोस्ट डाला है। मैं असहज सवाल करने वाले अपने स्टूडेंट्स को ज्यादा प्यार से याद करता हूं। कुछ चीकट हैं जो सीधे न बोलकर परोक्ष रूप से मूर्खतापूर्ण हमला करते हैं, उन्हें जब तक हद नहीं होती नजरअंदाज करता हूं। शिक्षक होने के नाते मूर्खतापीूर्ण आंय-बांय करने वालों को पढ़ने-लिखने की सलाह दे देता हूं, जिसे खुद को सर्वज्ञ मानने वाले शायद अपमान समझ लेते हैं। वे अगर मुझे बता दें तो मैं अपनी सलाह वापस ले लूं। सादर।

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