मैं अशिष्ट भाषा में बजतमीजी से निराधार निजी आक्षेप करने वालों को दो चेतावनी के बाद ब्लॉक कर देता हूं, आज दो लोगों को सनातन धर्म की पोस्ट पर ब्लॉक किया। कई लोग से उम्र का ऐसा तंज करते हैं जैसे वे आजीवन जवान ही रहेंगे। उम्र का तंज करने वाले तो वैसे ही सठिआए होते हैं जो भी उम्र हो। मेरी ब्लॉक लिस्ट में इस ग्रुप के एकाध श्रीवास्तव टाइप को छोड़कर सारे मिश्रा, पांडे, चौबे, दूबे टाइप ही हैं। समझ नहीं आता कि भाषा कि बजतमीजी करने वाले ज्यादातर ब्राह्मण ही क्यों होते हैं? ऊपर से तुर्रा ये कि आरक्षण से उनकी प्रतिभा का हनन हो रहा है। प्रतिभा की इनकी परिभाषा में लगता है भाषा की तमीज नहीं आती?
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