Raj K Mishra मित्र लोग कर रहे हैं? जामिया के छात्र मथुरा रोड पर लंगर चला रहे हैं। हमारी सोसाइटी सील है। एनएच पर ऐसे बेसहारा लोग क्यों छोड़ दिए गए हैं ? सरकार ने लाकडाउन के पहले ये सब इंतजाम क्यों नहीं किया? क्यों लोगों के काम की ही दगह रुकने का इंतजाम क्यों नहीं किया गया? एनएच पर खाना खिलाने के पुनीत काम के लिए साधुवाद। उन्हें एनएच पर खाना खिलाने की जरूरत क्यों आ पड़ी? इसका सांसथनिक प्रबंध क्यों नहीं? आप करोड़ों में 10-20 को अपने पैसे से खिला सकते हैं बाकी? मुझे अभी पेंसन नहीं मिल रही, प3धानमंत्री राहतकोष में 5000 के अलावा लगभग15 हजार की परिचित जरूरतमंदो की सहायता कर चुका हूं। लेकिन समाधान यह नहीं है, समस्या सरकार की जनविरोधी नीतियों और शासकों की अंतर्दृष्टि की कमी की है। वियतनाम जैसे छोटे देशों से सीख लेनी चाहिए।
Raj K Mishra आप बताइए, मुझे क्या करना चाहिए? मैं लेखक हूं इन पर लिख रहा हूं। छोटी-मोटी जो सहायता हो पा रही है कर रहा हूं। यह ्नजाने में सरकार के समर्थन का सवाल है कि आप क्या कर रहे हैं? ऐसे में व्यक्ति की नहीं रकारऔर प्रतिष्ठानों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। यह सवाल आपसे पूछा जा सकता है, नौकरी के अलावा क्या कर रहे हैं? ठेला-रेढ़ी वालों को धर्म के नाम पर बांटना महामारी का सहायता काम नहीं है। शब्दों से ही विचारधारा बनती है। प्रवासी शब्द अवमाननाजनक है। आपभी इसलिए इस्तेमाल कर रहे हैं कि चलन में आ गया.
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