Thursday, May 21, 2020

फुटनोट 332 (चीन)

चीनी परंपरा में मान्यता है कि वह स्वर्ग के नीचे है, बाकी सब देश असभ्य बर्बर हैं, भारत के साथ इतनी रियायत है कि उसे स्वर्ग के द्वार पर माना जाता था। यूरोप के विदेशी व्यापार के विस्तार के युग में इंगलैंड के राजा ने चीनी सम्राट से इसकी शिकायत की तो उसने जवाब दिया कि अब तुम (यूरोपीय) भी बर्बर न रहे सभ्य हो गए हो। खैर हमसे क्या बराबरी करेगा जिनके पास 33 करोड़ देवता हैं और एक ही भगवान (विष्णु) के लगभग डेढ़ दर्जन अवतार। भगवान, रजनीश, राम रहीम आदि भगवानों को भी जोड़ लें तो सोचिए, संख्या कितनी हो जाएगी?

1985 में थोड़ा शोध किया था, अक्षम्य स्तर की अव्यवस्थित जीवन शैली के चलते उस समय के नोट खोजना मुश्किल लग रहा है, उस समय बहुत संभालकर रखा था। चीन का पारंपरिक दर्शन और पुराण (मिथकशास्त्र) बहुत रोचक है तथा सापेक्ष रूप से वैज्ञानिक। जैसे कि राजा स्वर्ग के आदेश (मैंडेट ऑफ हेवेन) से राज करता है जैसे ही वह यह आदेश खो देता है लोग उसके विरुद्ध विद्रोह कर नया राजा नियुक्त करते हैं। कैसे पता चलेगा कि राजा ने स्वर्ग का विश्वास खो दिया है? सूखा, अकाल, भुखमरी या मैंडरिनों (राज कर्मियों) का भ्रष्टाचार इसके संकेतक हैं। दूसरी शताब्दी ईशापूर्व किसानों का एक व्यापक विद्रोहल हुआ था तथा विद्रोह का नेता राजा बन गया था।

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