सूडान के एक भूख से मरती बच्ची और गिद्ध की सुविदित तस्वीर के हवाले से एक सज्जन ने कहा कि दुख-दर्द से बेहाल, भूखे-प्यासे घर लौटते मजदूरों की तस्वीर शेयर करने वालों को गिद्ध और उनके दुखदर्द बांटने वालों को देवता की संज्ञा दी, उस पर:
देवता लोग उन मजदूरों के लिए क्या कर रहे हैं? औरैया से दुर्घटना में मारे गए मजदूरों की लाशें और जीवित घायल एक ही ट्रक में भेजे जा रहे थे। उस ट्रक की तस्वीर के साथ झारखंड के मुख्यमंत्री का स्थिति को अमानवीय और असंवेदनशीलता के वक्तव्य के ट्वीट के बाद इलाहाबाद में ट्रक को 5 घंटे के लिए रोक दिया गया तथा रिपोर्टिंग करने पहुंचे एबीपी के रिपोर्टर के साथ पुलिस ने बदसलूकी की। घायलों को बिना टेस्ट की गयी लाशों के साथ उसी ट्रक में भेजना देवता का काम है क्या? शर्म आनी चाहिए ऐसी असंवेदनशील, विवेकहीन अंधभक्ति पर।
9
No comments:
Post a Comment