एक सज्जन ने पूछा कि सांप्रदायिकता क्या होती है और सवर्ण क्या होता है? पता नहीं चला कि वे सीखना चाहते हैं, या परीक्षा लेना? सांप्रदायिकता पर मैं 35-36 साल से लिख लिख रहा हूं, यह एक लगभग 30 साल पुराना लेख है। यदि परीक्षा लेना चाहते हैं तो वह विषय शिक्षक बन पहले पढ़ाएं। वैसे मेरी परीक्षा देने की अब उम्र नहीं रही। मेरे ब्लॉग में सांप्रदायिकता खोजेंगे तो कई लेख मिल जाएंगे। वर्णाश्रम व्यवस्था में परजीवी वर्ग सवर्ण होता है जो आर्थिक परिस्थियों से श्रमजीवी बन गया लेकिन श्रम के प्रति अवमानना से उपजे सवर्ण श्रेष्ठता-बोध की विचारधारा की बेड़ियों से मुक्त नहीं हो पाया है।
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