Monday, December 25, 2017

लल्ला पुराण 166 (हिंदू-मुसलमान)

Arvind Rai दिमाग से खालिद का भूत निकाल दो, वह सभी धर्मों को नकारता है, उसकी टाइमलाइन पर जाकर देखो, संघी तालिबानों से ज्यादा मसुसंघी तलिबानों पर लिखता है। फिर कहूंगा कि तुम्हारे दिमाग में जमा सांप्रदायिक कूड़ा अनिर्बन पर सवाल नहीं करता, उमर पर करता है। हिंदू-मुसलमान के अलावा तुम्हारे दिमाग में कुछ और नहीं आता। हिंदू-मुसलमान की जहालत से निकलो और इंसान बनो। फिलहाल तो तुम्हारा इंसान बनना मुश्किल दिखता है, लेकिन आसान काम तो सब कर लेते हैं। अब चुंगी से विदा लेता हूं दिन भर के लिए। मस्त रहो और पंजीरी खाकर भजन गाओ।

No comments:

Post a Comment