वेदों की ऐसी-तैसी करने वाले चार्वाक भी ब्राह्मण थे और ब्राह्मणवाद के विरुद्ध बुद्ध के अभियान के शुरुआती साथी भी ब्राह्मण थे। इतिहास की समग्र समझ उसे ही होगी जिसे बौद्धिक संसाधन सुलभ होंगे। मनुवादियों ने दलितों को शिक्षा से वंचित किए रहा, अब बौद्धिक संसाधन की सार्वभौमिकता के चलते सारे युवा संगठनों में दलितों का काफी नेतृत्व है। और उनका नेता कौन है उन्हें सोचने दीजिए, आप अपने दुश्मन के विनाश से खुश रहिए। आप के सिर पर नक्सल का भूत ऐसा सवार है कि बात बात पर अभुआने लगते हैं। पहले जानिए नक्सल क्या है? नक्सलबाड़ी की विरासत के कितने दावेदार हैं? लेकिन शाखा की ड्रिल सोचने की शक्ति कुंद कर देती है।
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