Friday, December 6, 2019

कुदरत पर भरोसा

कुदरत पर भरोसा करोगे ग़र अपनी रजा से
महरूफ हो जाओगे खुद पर भरोसे के मजा से
अच्छा करते हो पीड़ाओं को हमदर्द मानकर
होता है खुशी का एहसास पीड़ा का गुरुत्व जानकर
(ईमि: 05.12.2019)

1 comment:

  1. शानदार! बहुत ही अच्छा लिखा है ऐसे ही लिखते रहिए। हम भी शायरी लिखते हैं। हमारी शायरी पढ़ने के लिए आप नीचे क्लिक कर सकते हैं।
    जुल्फ शायरी
    मौत के ऊपर शायरी

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