Friday, December 6, 2019

शिक्षा और ज्ञान 265(एन्काउंटर)

जितनी तत्परता से पुलिस ने हैदराबाद के बलात्कार के आरोपियों का 'एन्काउंटर' किया उससे शक होता है कि बलात्कार में किसी बड़े आदमी का हाथ तो नहीं? याद है गुड़गांव के रेयान स्कूल में दूसरी क्लास के बच्चे की हत्या में बस ड्राइवर पकड़ा गया था, उसने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया था। भारी फीस वाले इंटरनेसनल स्कूल के सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। बच्चे के अभिभावक संतुष्ट नहीं थे उनके हो-हल्ले से मामला साबीआई को सौंपा गया जिसने एक 11वीं क्लास के विद्यार्थी को दोषी पाया। मामला जुवेनाइल अदालत में है। उस लड़के ने महज परीक्षा टलवाने के लिए हत्या की थी। ड्राइवर अशोक बाइज्जत बरी हो गया। पुलिस ने अगर तुरंत न्याय कर दिया होता तो? अगर बलात्कारियों का एन्काउंटर ही करना है तो शुरुआत आसाराम, राम रहीम, चिन्मयानंद, और सेंगर से क्यों नहीं? उन्नाव में बलात्कार पीड़िता को जलाने वाले त्रिवेदियों, बाजपेयियों से क्यों नहीं। ज्यादातर एन्काउंटर फर्जी होते हैं।

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