.एक ग्रुप में एक मित्र ने सांप्रदायिक विषवमन की एक पोस्ट का जवाब मांगा
'........ सर के द्वारा लिखा गया अगर आपके पास कोई उत्तर हो तो जरूर दीजिएगा'
🙏
"जम्मू में ड्राईवर की मिलीभगत से आतंकियों नें गुजरात से आई अमरनाथ यात्री बस पर हमला किया था, सैन्य मुस्तैदी से हमला विफल रहा।
ड्राइवर मुस्लिम था !
उसको झूठा ही हीरो बता के मीडिया हफ्तों गाता रहा ।
गुजरात के सीएम नें निजी मुलाकात करके ईनाम दिया
उसको झूठा ही हीरो बता के मीडिया हफ्तों गाता रहा ।
गुजरात के सीएम नें निजी मुलाकात करके ईनाम दिया
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कल दिल्ली में मुसलमानों द्वारा अवैध रूप से चलाई जा रही अवैध फेक्ट्री में 43 अवैध मुसलमान जल मरे ।
एक #ब्राह्मण नें अपनी जान की बाजी लगा के 11 अवैध मुसलमानों को बचाया !! बचाव करते करते बुरी तरह घायल हुये #शुक्ला जी अस्पताल में हैं, उनकी कई हड्डियां भी टूट गई है ।
कितने चैनल पर उनका नाम आया ?
दिल्ली के सी एम --- सॉरी -- मालिक
मिलने गये इस जांबाज़ से ?
दिल्ली के सी एम --- सॉरी -- मालिक
मिलने गये इस जांबाज़ से ?
कोई मुसलमान ये काम कर देता (जो असंभव है) तो सिर्फ उसका नाम गाया जा रहा होता 24 घंटे ।
सवर्ण हिंदू से इतनी नफरत किसलिए ?"
उस पर:
1. प्रमाण तो ऐसी अफवाह फैलाने वालेको देना चाहिए। आप जिस बात को पुनर्उल्लेखित कर रहे हैं, उसका प्रमाणआपको देना चाहिए। गुजरात के मुख्यमंत्री ने अगर एक तथाकथित आतंकी को पुरस्कृत किया तो उनसे स्तीफा मांगना चाहिए। उस ड्रइवर ने जान पर खेल कर सवारियों की जान बचाया था, लेकिन सांप्रदायिक जहर फैलाने वालों के दिमाग में भरे जहर का सबूत आप अन्य लोगों से मांग रहे हैं? आग्रह है कि इस ग्रुप का इस्तेमाल हिंदू-मुसलमान के नाम पर समाज तोड़ने की साजिश का मंच बनने से रोकें।
2. बहुत से लालची धनपशु अवैध कारखाने चलाते हैं, उसका मुसलमान होना संयोग है, फिल्मिस्तान में बहुत सी अवैध इमारतों के हिंदू मालिक हैं सौभाग्य से उनमें आग नहीं लगी, इस त्रासदी में मरने वाले गरीब मजदूरों पर तोहमत लगाना और उनके सहारेउनके धर्म पर आरोप लगाना बर्बर अमानवीय संवेदना का परिचायक है. इस तरह की बर्बर संवेदना को बढ़ावादेना अमानवीय है। जिस साहसी शुक्ला ने जान पर खेलकर कुछ जानें बचाया वह एक सवर्ण के नाते नहीं एक अतिसंवेधनशील इंसान के नाते, उस अति संवेदनशील बहादुर इंसान का नाम फिरकापरस्ती घिनौने दुष्प्रचार में घसीटना उनका अपमान तो है ही मानवताके विरुद्ध भीषण अपराध है।
उम्मीद है इस मंच का उपयोग मानवीय सौहार्द फैलाने में होगा अमानवीय विद्वेष नहीं।
सादर।
जहां तक सवर्णों या ब्राह्मणों को गाली देने की बात है तो इस पोस्ट में जाति पर कोई आघात नहीं है, कौन किसी जाति के विरुद्ध किसी पूर्वाग्रह का समर्थन कर रहा है? यह पोस्ट एक खास धर्म के प्रति दुराग्रह से परिपूर्ण तथा फिरकापरस्ती के विषवमन की है। इस दुनिया में दो ही प्रमुख जातियां हैं अमीर और गरीब की। इसीलिए हम जातीय तथा धार्मिक मिथ्या चेतना के विरुद्ध वर्गचेतना के पक्षधर हैं। सांप्रदायिकता धार्मिक नहीं उंमादी लामबंदी की राजनैतिक विचारधारा है। जी हम मानवता के सेट एजेंडे पर ही बात करते हैं, तथा सांप्रदायिक दुर्भावना के अमानवीय सेट एजेंडे की मुखालफत करते हैं। हिंदू-मुसलमान के नाम पर गरीब-मजदूर को बांटने और वैमनस्य का जहर फैलाने वाले मानवता के दुश्मन हैं। निवेदन है कि मनुष्यता को खंड-खंड करती, सांप्रदायिक उंमाद फैलाने वाली पोस्ट्स को प्रोमोट न करें। मानवता के प्रसार में ही हम सबका भला है। सांप्रदायिक विद्वेष फैलानेवाले मानवता और समाज के दुश्मन हैं।
जहां तक सवर्णों या ब्राह्मणों को गाली देने की बात है तो इस पोस्ट में जाति पर कोई आघात नहीं है, कौन किसी जाति के विरुद्ध किसी पूर्वाग्रह का समर्थन कर रहा है? यह पोस्ट एक खास धर्म के प्रति दुराग्रह से परिपूर्ण तथा फिरकापरस्ती के विषवमन की है। इस दुनिया में दो ही प्रमुख जातियां हैं अमीर और गरीब की। इसीलिए हम जातीय तथा धार्मिक मिथ्या चेतना के विरुद्ध वर्गचेतना के पक्षधर हैं। सांप्रदायिकता धार्मिक नहीं उंमादी लामबंदी की राजनैतिक विचारधारा है। जी हम मानवता के सेट एजेंडे पर ही बात करते हैं, तथा सांप्रदायिक दुर्भावना के अमानवीय सेट एजेंडे की मुखालफत करते हैं। हिंदू-मुसलमान के नाम पर गरीब-मजदूर को बांटने और वैमनस्य का जहर फैलाने वाले मानवता के दुश्मन हैं। निवेदन है कि मनुष्यता को खंड-खंड करती, सांप्रदायिक उंमाद फैलाने वाली पोस्ट्स को प्रोमोट न करें। मानवता के प्रसार में ही हम सबका भला है। सांप्रदायिक विद्वेष फैलानेवाले मानवता और समाज के दुश्मन हैं।
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