Pushpa Tiwari इसमें कांग्रेसी नेताओं की कोई चाल नहीं है, कोई मुसलमान कौम का हिमायती क्यों होगा? चुनावी राजनीति में सब बहुसंख्यक तुष्टीकरण में लगे हैं। हम कई भाई-बहन हैं कोई एक दूसरे सा नहीं है आप लाखों करोड़ों की समरस मुसलमान कौम की बात कैसे कर सकती हैं? सांप्रदायिक ताकतें आप जैसी शरीफ लोगों में भी हिंदू-मुस्लिम जहर भरने में सफल रही हैं। जिस तरह कोई मुसलमान कौम नहीं है उसी तरह कोई हिंदू कौम नहीं है। हिंदू तो वैसे भी कोई कौम नहीं है, ऊंच-नीच जातियों का समच्चय है। इस ग्रुप में ही जातीय विद्वेष दिखता है। आरक्षण को लेकर तंज कसे जाते हैं। मैं वही आग्रह सबसे करता हूं तकि हम सबसे पहले इंसान हैं हिंदू-मुसलमान नकली पहचान है, जिसके नाम पर चतुर चालाक लोग हमें उल्लू बनाकर अपना उल्लू सीधा करते रहते हैं। सादर।
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