मैं दो विश्वविद्यालयों, इलाहाबाद विवि और जेयनयू में पढ़ा हूं। इवि में एक आंदोलन हुआ (1974) तोड़-फोड़ लूट-पाट, आगजनी हुई। दुकाने लूटी गयीं, वाहन जलाए गए, एबीवीपी का छात्रसंघ अध्यक्ष था, ब्रजेशकुमार। जेयनयू में डीटीसी के किराए में वृद्धि के खिलाफ आंदोलन में (1978) बस किडनैप करके हमलोग रखवाली करते थे कि कहीं आंदोलन को बदनाम करने के लिए कोई बसों को नुकसान न पहुंचाये, सरकारी नुकसान तो जनता ही भरती है। कंडक्टर-ड्राइवर को कैंटीन में चाय पिलाते थे, इन मजदूरों से हमारी दोस्ती होनी चाहिए, दुश्मनी नहीं। यह फर्क है जेयनयू और बाकी जगहों में।
21.12.2017
21.12.2017
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