जो मैं नहीं लिखा हूं, वह आप लिखें, मैं तो सार्वजनिक संपत्ति नष्ट करने वालों के हमेशा विरुद्ध लिखता रहता हूं, आप भी लिखें दूसरों को आदेश देने के अलावा खुद भी कुछ करना चाहिए। हम लोगों की 15000 की भी रैली (15 मार्च 2016) में एक धेले का भी नुकसान नहीं होता, असामाजिक तत्वों की घुसपैठ के लिए भी सजग रहते हैं। अखबारों में मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) में गोली टोपी लगाकर ट्रेन में आग लगाने की कोशिस करते पकड़े जाने की खबर छपी है। अलीगढ़ में मोटर साइकिलें तोड़ते और कैंपस में तोड़-फोड़ करते पुलिस कर्मियों के वीडियो सोसल मीडिया में वायरल हुए हैं। उप्र. सरकार को उन पुलिसियों की पहचान कर सरकार को दंडित करना चाहिए। जो लिखा हो उस पर कमेंट करने की बजाय जो नहीं लिखा है उस पर लिखने का आदेश देना अशिष्टता है। लेखक को अपना विषय खुद चुनने दीजिए, बाक पर आप खुद लिखिए, मैं भी कमेंट करूंगा। व्याकुल आंखें शांत करने के लिए पतंजलि शुरमा लगाइए।
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